UPI पेमेंट के इन नियमों में होगा बड़ा बदलाव, जान ले नियम नहीं तो ट्रांजेक्शन हो सकते है फेल UPI Payment New Rule

UPI Payment New Rule डिजिटल पेमेंट की दुनिया में भारत सबसे आगे है और इसका सबसे बड़ा कारण है UPI (Unified Payments Interface) आज देश का लगभग हर व्यक्ति मोबाइल से पेमेंट करना जानता है चाहे वो सब्जी वाला हो या शॉपिंग मॉल का कैशियर लेकिन अब इस पेमेंट सिस्टम में बड़ा बदलाव किया गया है, जिसे जानना हर UPI यूज़र के लिए बेहद जरूरी है।

अगर आप भी PhonePe, Google Pay, Paytm या किसी भी UPI ऐप का इस्तेमाल करते हैं, तो ध्यान दें नए नियम लागू हो चुके हैं और इनका सीधा असर आपके ट्रांजैक्शन पर पड़ेगा कई लोग अनजाने में इन नियमों की अनदेखी कर देते हैं और फिर उनका पेमेंट फेल हो जाता है।

आइए जानते हैं UPI से जुड़े ये बदलते नियम, उनका असर और बचने के उपाय।

क्या हैं UPI के नए नियम

1. 30 दिन से इनएक्टिव UPI ID होगी बंद:
अगर आप लगातार 30 दिनों तक किसी UPI ऐप से कोई लेन-देन नहीं करते हैं, तो आपकी UPI ID ऑटोमेटिकली डीएक्टिवेट हो सकती है इसके बाद दोबारा एक्टिवेट करने के लिए ऐप पर दोबारा रजिस्ट्रेशन करना पड़ सकता है।

2. बड़ी राशि के लिए अब दोबारा पुष्टि जरूरी:
अगर आप ₹2,000 या उससे अधिक की राशि किसी नए व्यक्ति को भेजते हैं, तो अब आपको एक अतिरिक्त वेरिफिकेशन स्टेप से गुजरना होगा – जैसे OTP या Biometric इसका मकसद फ्रॉड से बचाव है।

3. व्यापारी (मर्चेंट) UPI ट्रांजैक्शन पर शुल्क:
अब कुछ खास प्रकार के मर्चेंट ट्रांजैक्शन (जैसे RuPay क्रेडिट कार्ड से लिंक किए गए पेमेंट) पर थोड़ा सा MDR (Merchant Discount Rate) चार्ज लग सकता है हालांकि आम उपभोक्ताओं के लिए P2P पेमेंट अभी भी मुफ्त रहेगा।

4. UPI AutoPay के लिए रिमाइंडर अलर्ट जरूरी:
अगर आपने Netflix, बिजली बिल या EMI के लिए UPI AutoPay एक्टिव किया है, तो अब हर पेमेंट से पहले प्री-डेबिट नोटिफिकेशन आएगा आप चाहें तो उसे कैंसिल भी कर सकते हैं।

RBI और NPCI का मकसद क्या है

RBI और NPCI (National Payments Corporation of India) इन नियमों को लाकर डिजिटल फ्रॉड को रोकने और सिस्टम को ज्यादा सुरक्षित और पारदर्शी बनाना चाहती है हाल ही में UPI पेमेंट फ्रॉड की घटनाएं बढ़ गई थीं, जिनसे बचाव के लिए ये कदम उठाए गए हैं।

UPI यूज़र्स को क्या करना चाहिए

  • हर 15-20 दिन में कोई छोटा ट्रांजैक्शन करें, ताकि ID एक्टिव रहे
  • अनजान नंबर से आए QR कोड या लिंक पर कभी भी पेमेंट न करें
  • बड़े ट्रांजैक्शन करते समय नाम और UPI ID दो बार जांचें
  • AutoPay चालू हो तो समय पर SMS या ऐप अलर्ट ज़रूर पढ़ें
  • अपने बैंक और UPI ऐप को समय-समय पर अपडेट रखें

क्या ट्रांजैक्शन लिमिट में भी बदलाव हुआ है

नहीं, व्यक्तिगत ट्रांजैक्शन की सामान्य सीमा अभी भी ₹1 लाख/दिन है हालांकि कुछ विशेष सेवा क्षेत्रों में (जैसे अस्पताल या स्कूल फीस), ये सीमा बढ़ाकर ₹5 लाख तक की जा सकती है – लेकिन यह सिर्फ NPCI और बैंक की सहमति पर लागू होगा।

किसे होगा सबसे ज्यादा असर

  • जो लोग लंबे समय से UPI इस्तेमाल नहीं कर रहे
  • जो लोग अक्सर ₹2,000 से ऊपर की रकम दूसरों को भेजते हैं
  • जिनका AutoPay चालू है और ध्यान नहीं देते
  • व्यापारी और दुकानदार जो QR से पेमेंट लेते हैं

UPI से जुड़े अन्य अहम अपडेट

  • AI आधारित फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम जल्द लागू होने जा रहा है
  • अंतरराष्ट्रीय UPI ट्रांजैक्शन को लेकर अलग नियम बनाए जा रहे हैं
  • अब Aadhaar से भी UPI ID लिंक की जा सकती है (बिना मोबाइल नंबर के)

निष्कर्ष:

UPI ने भारत को डिजिटल क्रांति की राह पर सबसे आगे खड़ा कर दिया है, लेकिन इसके साथ सुरक्षा और पारदर्शिता भी ज़रूरी है सरकार और बैंक मिलकर अब सिस्टम को और मजबूत बना रहे हैं, ताकि हर उपभोक्ता निश्चिंत होकर लेन-देन कर सके।

अगर आप चाहते हैं कि आपकी UPI सेवाएं बिना रुकावट चलती रहें, तो इन नए नियमों को समझें, अपनाएं और सतर्क रहें एक छोटी सी चूक आपका ट्रांजैक्शन रोक सकती है।