होम लोन लेने से पहले ये 5 बातें जान लें वरना भरते रह जाएंगे भारी EMI, जानिए सही तरीका Home Loan EMI

Home Loan EMI घर खरीदना हर व्यक्ति का सपना होता है और जब यह सपना हकीकत में बदलने लगता है तो लोग अक्सर जल्दबाज़ी में फैसले लेने लगते हैं ऐसे में होम लोन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है लेकिन कई बार लोग बिना पूरी जानकारी लिए ही लोन ले लेते हैं, और फिर उनकी EMI बोझ बन जाती है यही कारण है कि होम लोन लेने से पहले कुछ खास बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी हो जाता है।

RBI के नियमों के अनुसार अब लोन लेने की प्रक्रिया पारदर्शी हो चुकी है, लेकिन फिर भी बहुत से लोग ऐसे हैं जो बैंक की शर्तें, ब्याज दर, और EMI स्ट्रक्चर को बिना समझे ही दस्तखत कर देते हैं नतीजा ये होता है कि अगले 15-20 साल तक हर महीने भारी किश्तें चुकानी पड़ती हैं और आर्थिक दबाव लगातार बना रहता है।

ब्याज दर को समझे बिना लोन लेना

अधिकतर लोग सिर्फ EMI के आंकड़े देखकर होम लोन ले लेते हैं, लेकिन वे यह नहीं समझते कि ब्याज दर फिक्स है या फ्लोटिंग अगर ब्याज दर फ्लोटिंग है, तो बाद में RBI द्वारा रेपो रेट बढ़ाने पर आपकी EMI भी बढ़ सकती है वहीं फिक्स रेट में शुरू में दर थोड़ी ज्यादा लगती है, लेकिन लंबी अवधि में स्थिर EMI बनी रहती है इसलिए लोन लेने से पहले ब्याज दर की प्रकृति, उसकी गणना और रीसेट शर्तों को अच्छे से समझ लेना चाहिए।

EMI क्षमता से ज्यादा लोन लेना

कई बार लोग अपनी इनकम से ज्यादा EMI चुन लेते हैं, ताकि उन्हें बड़ा घर मिल सके लेकिन जब सैलरी में उतार-चढ़ाव आता है या कोई इमरजेंसी खर्च आ जाता है, तो EMI देना मुश्किल हो जाता है इसका असर क्रेडिट स्कोर पर भी पड़ता है और मानसिक तनाव अलग से बढ़ जाता है होम लोन लेते समय आपको यह देखना जरूरी है कि EMI आपकी इनकम का अधिकतम 40% से ज्यादा न हो।

प्रोसेसिंग फीस और अन्य चार्जेस की अनदेखी

लोन लेते समय लोग सिर्फ ब्याज दर देखते हैं, लेकिन बैंक कई अन्य चार्ज भी वसूलते हैं – जैसे प्रोसेसिंग फीस, टेक्निकल वैल्यूएशन फीस, लीगल फीस, स्टाम्प ड्यूटी आदि ये सारे चार्ज मिलकर लोन अमाउंट के ऊपर काफी बड़ा खर्च बन जाते हैं इसलिए लोन एप्लाई करने से पहले सभी छुपे हुए चार्जेस की डिटेल मांगें और लिखित रूप में लें।

प्री-पेमेंट शर्तों को न समझना

लोग यह मान लेते हैं कि जब पैसे होंगे तब लोन जल्दी चुका देंगे, लेकिन कई बैंक प्री-पेमेंट पर चार्ज वसूलते हैं, खासकर अगर आपने फिक्स्ड रेट पर लोन लिया है वहीं फ्लोटिंग रेट लोन में आमतौर पर कोई प्री-पेमेंट पेनल्टी नहीं होती इसलिए लोन लेने से पहले जान लें कि आप EMI के अलावा अतिरिक्त भुगतान कब और कैसे कर सकते हैं और उस पर कोई जुर्माना तो नहीं लगेगा।

क्रेडिट स्कोर की अनदेखी करना

अक्सर लोग होम लोन लेने से पहले अपने क्रेडिट स्कोर की जांच नहीं करते अगर आपका स्कोर 750 से ऊपर है, तो आपको कम ब्याज दर पर लोन मिल सकता है लेकिन यदि स्कोर कम है, तो बैंक या तो लोन रिजेक्ट कर देगा या ब्याज दर बढ़ा देगा इससे आपकी EMI महंगी हो जाएगी और कुल भुगतान काफी ज्यादा हो जाएगा इसलिए लोन एप्लाई करने से पहले अपने सिबिल स्कोर को जरूर जांचें और उसे सुधारें यदि वह कम है।

निष्कर्ष

होम लोन एक लंबी अवधि का वित्तीय दायित्व होता है, इसलिए इसे लेने से पहले पूरी योजना और समझदारी जरूरी है सिर्फ कम EMI या ज्यादा लोन अमाउंट देखकर कोई फैसला न लें ब्याज दर, लोन टर्म, प्री-पेमेंट सुविधा, चार्जेस और आपकी आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखकर ही सही निर्णय लें तभी आप अपने सपनों का घर बिना आर्थिक बोझ के सुकून से खरीद सकेंगे।