DOT Sim Card Rule अब तक मोबाइल सिम कार्ड लेने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए टेलीकॉम कंपनियों ने Self-KYC का विकल्प शुरू किया थ यानी लोग घर बैठे, ऑनलाइन डॉक्यूमेंट्स सबमिट कर अपने नाम पर नया सिम कार्ड ले सकते थे लेकिन अब इस प्रक्रिया पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (DoT) ने Self-KYC सुविधा को अस्थायी रूप से बंद करने का आदेश जारी किया है यह फैसला सुरक्षा कारणों और प्रक्रियात्मक सुधारों के तहत लिया गया है।
क्या होता है Self-KYC और कैसे काम करता था यह सिस्टम
Self-KYC यानी Self Know Your Customer एक डिजिटल प्रक्रिया थी, जहां यूज़र को सिम कार्ड लेने के लिए दुकान या आउटलेट पर जाने की ज़रूरत नहीं थी मोबाइल एप या वेबसाइट के ज़रिए यूज़र अपने डॉक्यूमेंट्स जैसे आधार कार्ड, फोटो और वीडियो वेरिफिकेशन अपलोड करके नया सिम कार्ड मंगवा सकता था यह सिस्टम खास तौर पर डिजिटल इंडिया अभियान और कोविड के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग को देखते हुए शुरू किया गया था।
लेकिन अब इसे अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है, क्योंकि इस प्रक्रिया में कई जगहों पर नियमों की अनदेखी और पहचान संबंधी गड़बड़ियों की शिकायतें सामने आई थीं।
DoT ने क्यों लिया यह फैसला
दूरसंचार विभाग ने पाया कि Self-KYC प्रक्रिया में फर्जीवाड़े की संभावनाएं काफी बढ़ रही थीं कई यूज़र्स बिना उचित वेरिफिकेशन के सिम ले रहे थे, जिससे सिक्योरिटी को खतरा पैदा हो रहा था साथ ही कुछ मामलों में यह भी पाया गया कि फर्जी पहचान का इस्तेमाल कर सिम कार्ड निकाले जा रहे थे, जिन्हें बाद में गलत गतिविधियों में उपयोग किया गया।
इन सभी जोखिमों को देखते हुए DoT ने टेलीकॉम कंपनियों को आदेश दिया है कि वे Self-KYC प्रक्रिया को तुरंत प्रभाव से बंद करें और केवल ऑफलाइन KYC या वीडियो KYC के ज़रिए ही नए सिम कार्ड जारी करें।
अब सिम कार्ड कैसे मिलेगा
Self-KYC के बंद होने के बाद अब नया सिम कार्ड लेने के लिए यूज़र्स को फिर से फिजिकल KYC प्रक्रिया से गुजरना होगा यानी ग्राहक को टेलीकॉम स्टोर या अधिकृत विक्रेता के पास जाकर आधार कार्ड या अन्य पहचान पत्र के साथ फिजिकल वेरिफिकेशन कराना होगा।
कुछ कंपनियों ने वीडियो KYC का विकल्प भी उपलब्ध कराया है, जिसमें एजेंट वीडियो कॉल के ज़रिए ग्राहक की पहचान की पुष्टि करता है यह तरीका अभी भी मान्य है और इसे Self-KYC से ज्यादा सुरक्षित माना जाता है।
टेलीकॉम कंपनियों पर भी कसा शिकंजा
Self-KYC बंद करने के साथ-साथ DoT ने टेलीकॉम कंपनियों को यह भी निर्देश दिया है कि वे अपनी KYC प्रक्रिया की जांच करें और सुनिश्चित करें कि भविष्य में कोई भी नियमों का उल्लंघन न हो अगर कोई भी कंपनी नियमों के खिलाफ काम करती पाई जाती है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जा सकती है।
यूज़र्स को क्यों रहना चाहिए सतर्क?
Self-KYC प्रक्रिया बंद होने के बाद, अब यूज़र्स को खुद भी ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है किसी भी संदिग्ध लिंक या कॉल के ज़रिए KYC अपडेट करने की मांग हो तो उसमें जानकारी देने से बचें केवल कंपनी के आधिकारिक पोर्टल या स्टोर पर ही पहचान से जुड़ी प्रक्रिया पूरी करें।
इसके अलावा, समय-समय पर TAFCOP पोर्टल पर जाकर यह भी जांचते रहें कि आपके नाम पर कितने सिम कार्ड एक्टिव हैं यदि कोई अनजान नंबर दिखे, तो तुरंत उसकी रिपोर्ट करें।
निष्कर्ष: सरकार की सख्ती, जनता की सुरक्षा के लिए अहम कदम
DoT द्वारा Self-KYC प्रक्रिया पर रोक लगाना एक महत्वपूर्ण फैसला है, जो देश की डिजिटल सुरक्षा को मज़बूत करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है इससे न सिर्फ फर्जीवाड़े पर लगाम लगेगी बल्कि मोबाइल यूज़र्स की पहचान और डेटा की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो सकेगी फिलहाल नए सिम कार्ड के लिए पुराने तरीके यानी फिजिकल वेरिफिकेशन ही अपनाना पड़ेगा, लेकिन यह प्रक्रिया अधिक सुरक्षित और पारदर्शी मानी जा रही है।