RBI Bank Action अगर आपने बैंक से लोन लिया है या लेन-देन के लिए चेक का इस्तेमाल करते हैं, तो RBI का यह नया नियम आपके लिए बेहद जरूरी है भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लोन डिफॉल्टर और बार-बार चेक बाउंस करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का फैसला लिया है।
अब तक लोन न चुकाने वालों और चेक बाउंस की घटनाओं पर कार्रवाई में काफी समय लगता था, जिससे बैंकिंग सिस्टम पर बोझ बढ़ता जा रहा था लेकिन अब RBI के नए नियमों के तहत इस तरह की लापरवाही पर जल्द और कठोर कदम उठाए जाएंगे आइए जानते हैं क्या है यह नया नियम और इसका आपके ऊपर क्या असर पड़ेगा।
क्या है RBI का नया नियम
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 2025 में एक बड़ा बदलाव करते हुए लोन डिफॉल्ट और चेक बाउंस मामलों को सख्ती से निपटाने का आदेश जारी किया है इसके तहत बैंकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे डिफॉल्टर की पहचान जल्दी करें और समय रहते कदम उठाएं।
90 दिन में ‘विलफुल डिफॉल्टर’ की पहचान होगी
अब अगर कोई व्यक्ति या संस्था लगातार 90 दिनों तक अपनी लोन की EMI नहीं चुकाती है, तो उसे ‘जानबूझकर डिफॉल्ट’ यानी Wilful Defaulter घोषित किया जा सकता है इसके लिए बैंक को अधिकतम 6 महीने का समय मिलेगा जिसमें वह जांच करके अपनी रिपोर्ट तैयार करेगा।
इस नियम के तहत:
- बार-बार EMI न चुकाने वालों की संपत्तियां अटैच की जा सकती हैं।
- ऐसे लोगों पर भविष्य में कोई भी नया लोन नहीं दिया जाएगा।
- उनका नाम रिजर्व बैंक की निगरानी लिस्ट में शामिल किया जाएगा।
- कोर्ट में केस और कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।
चेक बाउंस पर भी सख्ती
RBI ने साफ किया है कि अगर किसी व्यक्ति के खाते से लगातार 3 बार चेक बाउंस होता है, तो वह ग्राहक ‘हाई रिस्क’ कैटेगरी में आ जाएगा।
इसका असर होगा:
- क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
- भविष्य में लोन, क्रेडिट कार्ड जैसी सुविधाएं मिलना मुश्किल हो जाएगा।
- बैंक उस व्यक्ति के अकाउंट पर विशेष निगरानी रखेगा।
किसे कहा जाएगा विलफुल डिफॉल्टर
नए नियमों के अनुसार, निम्नलिखित स्थितियों में कोई व्यक्ति या संस्था ‘विलफुल डिफॉल्टर’ कहलाएगा:
- जानबूझकर EMI का भुगतान न करना
- लोन की राशि को निर्धारित कार्य के अलावा किसी और उद्देश्य के लिए इस्तेमाल करना
- बैंक को गलत दस्तावेज देना या जानकारी छिपाना
- लोन की रिकवरी के समय सहयोग न करना
आम लोगों के लिए इसका क्या मतलब?
इस नियम का उद्देश्य उन लोगों को सबक सिखाना है जो जानबूझकर लोन नहीं चुकाते या चेक बाउंस जैसे मामलों को हल्के में लेते हैं इसका फायदा उन ग्राहकों को मिलेगा जो समय पर EMI चुकाते हैं और नियमों का पालन करते हैं।
फायदे:
- बैंकिंग सिस्टम में पारदर्शिता आएगी
- समय पर भुगतान करने वालों को प्राथमिकता मिलेगी
- कर्ज देने में जोखिम कम होगा
बचाव के उपाय
अगर आप लोन ले चुके हैं या चेक जारी करते हैं, तो इन बातों का खास ध्यान रखें:
- हर महीने समय पर EMI का भुगतान करें
- ऑटो डेबिट सुविधा का उपयोग करें ताकि EMI मिस न हो
- चेक देने से पहले खाते में पर्याप्त राशि जरूर रखें
- अगर आर्थिक स्थिति खराब हो, तो बैंक से मोरेटोरियम या रिस्ट्रक्चरिंग की मांग करें
निष्कर्ष
RBI के नए नियमों से बैंकिंग सेक्टर में एक नई व्यवस्था की शुरुआत हो रही है, जिसमें अनुशासन और पारदर्शिता को प्राथमिकता दी जा रही है यह नियम न केवल डिफॉल्टरों पर शिकंजा कसने वाला है, बल्कि जिम्मेदार नागरिकों को सम्मान भी देगा।
अगर आप चाहते हैं कि आपकी क्रेडिट हिस्ट्री साफ बनी रहे और भविष्य में लोन लेने में कोई दिक्कत न हो, तो इन नियमों को गंभीरता से लें और समय पर भुगतान सुनिश्चित करें।